इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य यासीन उस्मानी ने मंत्रिमंडल के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बोर्ड, उससे जुड़ी प्रमुख तंजीमों और लगभग सभी मुसलमानों का फैसला है कि हम अयोध्या में कोई और जगह नहीं लेंगे।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने गत 9 नवंबर को अयोध्या मामले में निर्णय देते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण कराने और मुसलमानों को अयोध्या में ही किसी प्रमुख स्थान पर मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। हालांकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मस्जिद के बदले कोई और जमीन लेने से इंकार कर दिया था।