नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणी में पहुंचाने के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वार्षिक वृद्धि दर को दहाई अंक में ले जाने और वैश्विक व्यापार में देश की हिस्सेदारी दोगुना कर 3.4 प्रतिशत तक करने के लक्ष्य पर जोर दिया है।
राजधानी में वाणिज्य मंत्रालय के नए कार्यालय परिसर के शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए शुक्रवार को मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने देश में कारोबार करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए 4 वर्षों में कई कदम उठाए हैं, साथ ही चालू खाते घाटे जैसे वृहद आर्थिक संकेतकों को भी काबू में रखा है।
उन्होंने कहा कि दुनिया यह देख रही है कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था को दोगुना करके 5,000 अरब डॉलर या उससे ऊपर की अर्थव्यवस्था वाले देशों की कतार में कब शामिल होता है। मोदी ने तेल का घरेलू उत्पादन एवं घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देकर आयात पर निर्भरता कम करने पर जोर देते कहा कि उनकी सरकार ने वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी दोगुना करके 3.4 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि देश कार्यों को 'अटकाने, लटकाने और भटकाने' की संस्कृति से आगे निकल चुका है।
उन्होंने कहा कि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली से न सिर्फ व्यापार करना सुगम हुआ है बल्कि करदाताओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है। नई प्रणाली के तहत 54 लाख नए करदाताओं ने पंजीकरण कराया है। इसी के साथ अप्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या 1 करोड़ से अधिक हो गई है। जीएसटी से पहले अप्रत्यक्ष करदाता 60 लाख थे। इस समय देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के साथ-साथ विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। (भाषा)