समझा जाता है कि दोनों नेताओं ने 6 दिसंबर 1992 के अयोध्या में बाबरी ढांचे के ध्वंस को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा श्री लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरलीमनोहर जोशी और उमा भारती के विरुद्ध साजिश रचे जाने के आरोप तय करने के आदेश पर विचार-विमर्श किया।
सूत्रों के अनुसार बाद में एक और बैठक में केंद्रीय मंत्री राजनाथसिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, एम. वेंकैया नायडू और डॉ. जितेन्द्रसिंह ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। बताया गया है कि इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया। कश्मीर घाटी में हुए उपचुनावों में सत्तारूढ़ गठबंधन की हार और घाटी में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर राजनीति इस समय चरम पर है। (वार्ता)