प्रधानमंत्री ने गुरुवार को ट्वीट करके कहा कि पोखरण परीक्षण ने विश्व को भारत की ताकत का अहसास कराया था। मोदी ने एक भाषण में कहा कि पहला परीक्षण करने पर विश्व समुदाय ने भारत के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन वाजपेयी ने 13 मई 1998 को दूसरा परीक्षण करने को कहा। पूर्व प्रधानमंत्री ने साबित कर दिया था कि वे किसी और मिट्टी के बने हैं। यदि उनकी जगह कोई कमजोर प्रधानमंत्री होता तो वह उसी दिन डर गया होता।
मोदी ने इस परीक्षण में भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने परमाणु परीक्षण को गोपनीय रखने के लिए पोखरण के निवासियों की भी तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने देशहित को सर्वोपरि रखा। परमाणु परीक्षण करके विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व में भारत का लोहा मनवाने के लिए 1999 से 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है। (वार्ता)