गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर देश का नाम रोशन करने वाले इन बहादुर बच्चों ने आज प्रधानमंत्री से मुलाकात की। इस मौके पर मोदी ने इन बच्चों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया। प्रधानमंत्री ने इन बच्चों को आज के दिन का महत्व बताते हुए नेताजी सुभाषचंद्र बोस का स्मरण किया, जिनकी जयंती आज पूरा देश मना रहा है।
उन्होंने बच्चों से कहा कि वे अपने जीवन में अधिक से अधिक किताबें पढ़ें, खासकर महान नेताओं, खिलाड़ियों और अन्य लोगों की जीवनियां पढ़ें, जिन्होंने अपने जीवन बड़े- बड़े काम किए हैं। उन्होंने इन बच्चों के साहस और वीरता की सराहना करते हुए कहा कि बहादुरी मन की अवस्था है और स्वस्थ रहने से ही बहादुरी आती है, इसीलिए हमें अपने मनोमस्तिष्क को मजबूत बनाने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इन बहादुर बच्चों ने जो कारनामे किए हैं, उससे उनके साहस का पता चलता है लेकिन यह पुरस्कार उनके जीवन का अंतिम ध्येय नहीं होना चाहिए बल्कि यह तो उनके जीवन की शुरुआत की निशानी है। उन्होंने बच्चों से यह भी कहा कि इन पुरस्कारों से उन्हें जो ख्याति प्राप्त हो रही है, वह उनके भविष्य के विकास में बाधक नहीं होनी चाहिए। (वार्ता)