कोविंद ने राज्यमंत्री (स्वतंत्रप्रभार) मनसुख मंडाविया को शपथ दिलाई तो मंडाविया राष्ट्रपति द्वारा ‘मैं’ कहे जाने के बाद बिना मैं कहें अपना नाम बोलकर शपथ लेने लगे। इस पर राष्ट्रपति ने उन्हें टोकते हुए कहा कि 'मंत्रीजी पहले मैं कहिए।' इस पर मंडाविया ने मैं कहकर पुन: शपथ पढ़ी।