सबसे ज्यादा समय तक सत्ता में रहने वाले पहले गैर भाजपाई प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 6 बार राष्ट्रध्वज फहराया था। दूसरी ओर, चंद्रशेखर और कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे गुलजारी लाल नंदा को यह मौका एक बार भी नहीं मिला।
नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार अगस्त 2014 में लाल किले से झंडा फहराया था। 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर एक साल में दो बार तिरंगा फहराकर भी इतिहास रचा था। दरअसल, आजाद हिंद सरकार की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर लाल किले में बेहद खास कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
मनमोहन तीसरे नंबर पर : इंदिरा गांधी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नंबर आता है। उन्होंने 10 बार लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया। सिंह 2 कार्यकाल तक प्रधानमंत्री रहे। वहीं, राजीव गांधी ने 5 बार लाल किले पर तिरंगा फहराया था। नरसिंह राव ने भी 5 बार लाल किले से झंडा फहराया।
इन्हें मिला 1 बार मौका : कम समय के लिए प्रधानमंत्री रहे चौधरी चरण सिंह, वीपी सिंह, एचडी देवेगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल, लाल बहादुर शास्त्री को ये सौभाग्य सिर्फ 1-1 बार ही मिला, जबकि मोरारजी देसाई ने 2 बार लाल किले से राष्ट्रध्वज फहराया।
ये नहीं चढ़ पाए लाल किले की प्राचीर : गुलजारी लाल नंदा और चंद्रशेखर, ऐसे प्रधानमंत्री रहे जिन्हें एक बार भी लाल किले की दीवार से राष्ट्रध्वज फहराने का मौका नहीं मिला। गुलजारी लाल नंदा दो बार देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे थे।