उन्होंने कहा कि जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने संवाद के लिए ऐसा कुछ नहीं किया तथा इस कार्यक्रम का कोई सकारात्मक परिणाम देखने को नहीं मिला है और कार्यक्रम लोगों को प्रभावित करने में नाकाम रहा है, क्योंकि अब लोग समझ गए हैं कि सरकार ने उन्हें धोखा दिया है।
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षा के स्तर को मजबूत करने की बजाय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी अपना ज्यादा समय और ताकत प्रतिष्ठित संस्थानों को कमजोर करने में, मशहूर शिक्षाविदों को अपनानित करने में और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लोगों को उच्च पदों पर बिठाने में लगा रही है।
रीता ने कहा कि मोदी सरकार में सभी मशहूर शिक्षण संस्थाओं के महत्वपूर्ण पदों को संघ परिवार के विश्वासपात्रों द्वारा भरा जा रहा है। यह दुर्भाग्य की बात है कि मानव संसाधन मंत्री की जो शिक्षा है, वही संदेह के घेरे में है। (भाषा)