सर्वदलीय बैठक में PM मोदी ने कहा- G-20 की अध्यक्षता दुनिया को भारत की क्षमता दिखाने का अनूठा अवसर
मंगलवार, 6 दिसंबर 2022 (00:22 IST)
ई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक में कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता पूरी दुनिया को देश की क्षमता दिखाने का अनूठा अवसर है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत द्वारा दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी-20 की अध्यक्षता संभालने पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत के प्रति वैश्विक जिज्ञासा और आकर्षण है, जो इस अवसर के महत्व को और बढ़ाता है।
उन्होंने टीम वर्क के महत्व पर जोर दिया और जी-20 के विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन में सभी नेताओं से सहयोग मांगा।
मोदी ने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता भारत के विभिन्न हिस्सों को प्रदर्शित करने में मदद करेगी, जिससे देश के अलग-अलग क्षेत्रों की विशिष्टता सामने आएगी।
साल भर के विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान बड़ी संख्या में आगंतुकों के भारत आने की संभावना का उल्लेख करते हुए मोदी ने पर्यटन को बढ़ावा देने और उन स्थानों की स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर जोर दिया, जहां जी-20 बैठकें आयोजित की जाएंगी।
बयान में कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा, कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की ममता बनर्जी, बीजू जनता दल (बीजद) के नवीन पटनायक ने बैठक को संबोधित किया।
बयान के अनुसार, आम आदमी पार्टी (आप) के अरविंद केजरीवाल, वाईएसआर कांग्रेस के जगनमोहन रेड्डी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सीताराम येचुरी, तेलुगू देशम पार्टी के एन चंद्रबाबू नायडू और द्रमुक के एम के स्टालिन सहित अन्य दलों के नेताओं ने भी बैठक को संबोधित किया।
बयान के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बैठक में शिरकत की। भारत की जी-20 प्राथमिकताओं के पहलुओं को विस्तार से बताते हुए एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी गई। पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, एस जयशंकर, पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी और भूपेंद्र यादव भी बैठक में शामिल हुए।
हुर्रियत बोली- आ सकता है चौंकाने वाला परिणाम : हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने सोमवार को कहा कि भारत के जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करने के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक लेख में रेखांकित नीति को यदि कश्मीर मुद्दे से निपटने में अपनाया जाए तो आश्चर्यजनक परिणाम आ सकते हैं।
हुर्रियत ने कहा कि समस्याओं और विवादों को कभी न कभी तो सुलझाना होगा और शांतिपूर्ण बातचीत सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। अपने घर में नजरबंद मीरवाइज उमर फारुक ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने लेख में भारत को लोकतंत्र की जननी कहते हुए वैश्विक नेतृत्व की भूमिका की आकांक्षा व्यक्त की है तथा अपनी नीति रेखांकित की है जिसमें चुनौतियों का हल एक दूसरे से लड़कर नहीं बल्कि मिलकर काम करके और मरहम लगाने, सौहार्द लाने तथा आशाओं की बात करके ही लाया जा सकता है।
उन्होंने कहा, अगर कश्मीर के मुद्दे से निपटने में भी इसी तरह की पहल अपनाई जाए तो पूरे क्षेत्र के लिए चौंकाने वाले परिणाम हो सकते हैं।
अलगाववादी समूह ने कहा कि दमन और बलपूर्वक कार्रवाई पर आधारित नीतियां लंबे समय तक नहीं चल पातीं और इतिहास के तथ्यों को नहीं बदल सकतीं।
हुर्रियत ने कश्मीर के बाहर की जेलों में सालों से बिना मुकदमे के बंद कश्मीरी नेताओं, कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, युवाओं और अन्य की दशा पर चिंता जताई।