अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, 7 दिसंबर 1992 यानी अयोध्या में विवादित ढांचे को ढहाए जाने के अगले ही दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने आईबी के जासूसों को एक आदेश दिया था। इस आदेश में सोनिया गांधी के निवास 10 जनपथ पर नजर रखने को कहा गया था। ये चौंकाने वाला खुलासा विनय सीतापति की किताब हॉफ लायन : हाऊ पीवी नरसिम्हा राव ट्रांसफार्मड इंडिया में किया गया है।
किताब के मुताबिक, नरसिंह राव को आईबी ने इस बारे में एक लिखित रिपोर्ट दी, जिसमें बताया गया कि सोनिया गांधी से बातचीत के दौरान अर्जुन सिंह, दिग्विजय सिंह, अजीत जोगी, सलामतुल्ला और अहमद पटेल ने अयोध्या के हालात से निपटने के प्रधानमंत्री के तरीके पर नाराजगी जाहिर की है।