फ्लैक्सी किराया प्रणाली के बावजूद रेलवे सबसे सस्ती परिवहन सेवा

रविवार, 11 सितम्बर 2016 (19:11 IST)
नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड ने चौतरफा आलोचनाओं एवं राजनीतिक दबाव के बावजूद राजधानी, दूरंतो और शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों में 2 दिन पहले लागू की गई फ्लैक्सी किराया प्रणाली का रविवार को बचाव करते हुए कहा कि इस प्रणाली के बावजूद रेलवे, सड़क एवं हवाई यातायात की तुलना में सस्ती परिवहन सेवा बनी हुई है। 
रेलवे बोर्ड में सदस्य (यातायात) मोहम्मद जमशेद ने रविवार को अचानक बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में एक पावर प्वॉइंट प्रेजेंटेशन के साथ बताया कि दिल्ली से जयपुर, चंडीगढ़, चेन्नई से बेंगलुरु और मैसूर तक शताब्दी एक्सप्रेस और दिल्ली से तिरुवनंतपुरम, पटना और मुंबई के बीच राजधानी एक्सप्रेस के एसी टू श्रेणी का फ्लैक्सी किराया विमान के किराए से कम है। शताब्दी एक्सप्रेस का किराया भी वोल्वो बसों के किराए की तुलना में कम है। 
 
जमशेद ने बताया कि इस प्रणाली से आम आदमी को दूर रखा गया है और 1 दिन में चलने वाली करीब 3,200 मेल एक्सप्रेस गाड़ियों में से मात्र 144 गाड़ियां (44 राजधानी, 54 दूरंतो एवं 46 शताब्दी एक्सप्रेस) ही इस प्रणाली के दायरे में आएंगी जिनमें प्रतिदिन करीब डेढ़ लाख यात्री सफर करते हैं। यह संख्या कुल आरक्षित यात्रियों के 10 प्रतिशत से कुछ कम है। 
 
उन्होंने फ्लैक्सी किराया प्रणाली को डायनेमिक विमान किराया प्रणाली से बेहतर बताते हुए कहा कि इसमें लोगों को पता होता है कि किराया किस सीमा तक बढ़ सकता है और कब कितना किराया होगा। इसका मांग बढ़ने से कोई संबंध नहीं है, केवल सीटों की बुकिंग की सीमाएं हैं, उसी आधार पर किराया बढ़ता है। (वार्ता) 

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