कंसोर्टियम ने अपनी याचिका में कहा है कि माल्या ने शीर्ष अदालत के उस आदेश पर अमल नहीं किया है, जिसमें उसने उन्हें (माल्या को) खुद की और अपने परिजनों की कुल सम्पत्ति का पूर्ण ब्योरा देने का निर्देश दिया था।
एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने यहां सुनवाई के दौरान पीठ को बताया कि माल्या खुद की और अपने परिजनों की परसम्पत्तियों का पूरा ब्यूरो नहीं सौंपा है, जो अदालत की अवमानना का मामला है, ऐसी स्थिति में अदालत की अवमानना की सुनवाई जल्द से जल्द की जानी चाहिए। एटॉर्नी जनरल की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने अवमानना याचिका की सुनवाई के लिए सोमवार की तारीख मुकर्रर की।