सीबीएसई ने एक बयान में कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने स्पष्ट किया है कि एआईपीएमटी या एनईईटी के लिए उम्मीदवारों की ओर से 2017 से पहले किए गए प्रयासों को नहीं गिना जाएगा और इसी हिसाब से एनईईटी-2017 में शामिल होने को सभी उम्मीदवारों के लिए पहले प्रयास के तौर पर गिना जाएगा, भले ही उन्होंने एआईपीएमटी या एनईईटी में पहले कितनी भी बार शामिल हुए हों।
दरअसल, छात्रों के बीच भ्रम की स्थिति उस वक्त पैदा हो गई थी, जब सीबीएसई की ओर से 2017 की एनईईटी के लिए मंगलवार को जारी अधिसूचना में कहा गया कि जिन अभ्यर्थियों ने एआईपीएमटी और एनईईटी 2016 की परीक्षा 3 बार दे दी है, वे एनईईटी में शामिल होने के पात्र नहीं होंगे।