शपथ ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा कि कोई ऐसा शख्स, जो छोटे शहर से आया हो, पार्टी नेतृत्व के समर्थन से आगे बढ़ा हो और यदि उसे ऐसी जिम्मेदारी दी जाती है तो कभी कभी ऐसा महसूस होता है कि कहीं न कहीं दैवीय कृपा तो है अन्यथा यह संभव नहीं होता।
उन्होंने कहा कि आलोचना वाकई आपके कामकाज को नुकसान नहीं पहुंचाती बल्कि यदि आप ऐसे सुधारों, जो अमलयोग्य हों, को स्वीकार करने के लिए तैयार रहते हैं तो आपका कामकाज बेहतर ही होता है। सीतारमण ने वाणिज्य मंत्रालय की 'स्टार्टअप इंडिया', 'मेक इन इंडिया' जैसी कई पहलें भी गिनाईं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के सहयोग से मंत्रालय में 'स्टार्टअप इंडिया', 'मेक इन इंडिया' जैसी कई चीजें हुईं। 'मेक इन इंडिया' के बारे में कुछ गलतफहमियां हैं लेकिन उसका जवाब दे दिया जाएगा। सीतारमण पहले वाणिज्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थीं। (भाषा)