नीतीश ने सिविल सेवा दिवस पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जाति सर्वेक्षण हमारे द्वारा की गई एक अच्छी पहल है। लोगों की आर्थिक स्थिति की पहचान के बाद उनको बहुत लाभ होगा, चाहे वे उच्च जाति, पिछड़ी जाति या समाज के अत्यंत कमजोर वर्ग के हों। मुझे समझ नहीं आता कि लोगों का एक वर्ग इस कवायद के खिलाफ क्यों हैं... वे इसे चुनौती दे रहे हैं जो राज्य में चल रहा है। ये कोई गुनाह नहीं है। यह कवायद सभी के लिए फायदेमंद साबित होगी।
जाति आधारित सर्वेक्षण कराने के बिहार सरकार के फैसले को अदालत में चुनौती देने वाले लोगों पर अपनी नाराजगी जताते हुए नीतीश ने कहा कि राज्य सरकार के फैसले को चुनौती क्यों दी जा रही है? यह जातिगत जनगणना नहीं है जो केवल केंद्र ही कर सकता है... हम एक जाति आधारित गणना करा रहे हैं। इससे किसी का नुकसान नहीं होगा.... क्या यह अपराध है... नहीं, यह गुनाह नहीं है।