अधिकरियों ने एक आधिकारिक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि नोडल अधिकारी वर्षा जल संचयन, संरक्षण उपायों सहित विभिन्न पहलुओं के कार्यान्वयन के समन्वय के लिए संबंधित जिलों का दौरा करेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 4 मार्च को 'जल शक्ति अभियान: कैच द रेन' (जेएसए: सीटीआर) की शुरुआत की थी।
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार इस संबंध में भारत सरकार के अधिकारियों को पानी की कमी वाले चिन्हित 150 जिलों में 'जेएसए : सीटीआर'-2023 के तहत कार्यों की प्रगति का जायजा लेने के लिए केंद्रीय नोडल अधिकारी (सीएनओ) नियुक्त किया जाता है, साथ ही उन्हें जिलों का दौरा करने के निर्देश दिए जाते हैं। केंद्रीय नोडल अधिकारी राज्य और जिला टीमों के अलावा तकनीकी अधिकारियों (भूजल वैज्ञानिकों और इंजीनियरों) की टीम के साथ काम करेंगे।
पानी की कमी का सामना करने वाले जिले अंडमान निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम और तमिलनाडु आदि में हैं। एक नोडल अधिकारी और एक तकनीकी अधिकारी की टीम जिलों का 2 बार (मॉनसून से पहले और मॉनसून के बाद) दौरे करेगी।(भाषा)