नोटबंदी जैसे हालात, क्या बंद हो रहा है 2000 का नोट...

मंगलवार, 17 अप्रैल 2018 (12:30 IST)
नई दिल्ली। बिना नोटबंदी के ही इस बार नोटों की किल्लत शुरू हो गई है। गुजरात, बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में एटीएम मशीनों में नोट नहीं हैं। हालांकि इसके पीछे कारण क्या है, इसका पता नहीं चल पाया है, लेकिन लोगों के मन में यह सवाल जरूर उठ रहा है कि क्या 2000 रुपए का नोट बंद तो नहीं हो रहा है? क्योंकि नोटबंदी के बाद सरकार से जुड़े कई लोगों ने 2000 के नोट बंद होने की बात कही थी।
 
मोदी सरकार को बड़े नोट बंद करने का प्रस्ताव देने वाले अर्थक्रांति प्रतिष्ठान के अनिल बोकिल ने एक साक्षात्कार में कहा था कि देश में 86 प्रतिशत करेंसी जब चलन से बाहर हो जाएगी तो उसकी आपूर्ति के लिए बड़ा नोट लाना ही पड़ता है। 1000 का नोट छापने की तुलना में 2000 के नोट छापने में 50 प्रतिशत कम समय लगेगा। हालांकि उन्होंने कहा कि आने समय में यह 2000 रुपए का भी नोट बंद हो जाएगा। 
 
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के विचारक एस गुरुमूर्ति ने भी दिसंबर 2016 में दिए एक बयान में केंद्र सरकार के नोटबंदी के कदम को ‘वित्तीय पोखरण’ करार दिया था। उन्होंने कहा था कि इससे अर्थव्यवस्था में ऐसे बदलाव की उम्मीद है, जो एक उदाहरण बनेगा। गुरुमूर्ति ने यह भी दावा किया था कि आने वाले पांच साल में 2000 रुपए का नोट बंद हो जाएगा।
 
इसी तरह योगगुरु बाबा रामदेव ने भी फरवरी 2017 में एक सवाल के जवाब में कहा था कि उच्च मूल्य वर्ग वाले नोट किसी भी मुल्क के लिए अच्छे नहीं होते, इसलिए सरकार को देश में 2000 रुपए के नोट के प्रचलन पर पुन: विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि 2000 रुपए का नोट मुझे पसंद नहीं आया। क्योंकि उच्च मूल्य वर्ग वाले नोट से राजनीतिक और आर्थिक अपराधों में वृद्धि होती है।
 
हाल ही में बैंकों में 2000 के नोटों की कमी और आरबीआई द्वारा इन नोटों की आपूर्ति कम करने से सरकार पर सवाल उठना स्वाभाविक है। बहरहाल यह समय किसी भी दृष्टि में नोटों को बंद करने के लिए उपयुक्त नहीं है। सरकार और रिजर्व बैंक को जल्द से जल्द नोटों की आपूर्ति कर इस तरह की बातों पर विराम लगाना चाहिए। 

कैश संकट पर अरुण जेटली ने क्या कहा : इस बीच, वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कैश संकट की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बाजार में पर्याप्त मात्रा में कैश है। बैंकों में भी नकदी की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ जगहों पर नोटों की मांग अचानक बढ़ी है।

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