China से आई रहस्यमय बिमारी के बाद भारत समेत पूरी दुनिया में Alert

शनिवार, 18 जनवरी 2020 (01:34 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन में नोवेल कोरोना वायरस (NCOV) से होने वाले संक्रमण को लेकर अलर्ट  जारी किया है। इस अलर्ट में पड़ोसी देश से आने वाले यात्रियों की दिल्ली, मुंबई और कोलकाता एयरपोर्ट पर थर्मल स्कैनर से जांच की जा रही है। यही नहीं सरकार ने चीन की यात्रा करने वाले यात्रियों को ट्रैवल एडवाइजरी जारी करते हुए एहतियाती उपायों का पालन करने को भी कहा है। 
 
चीन में नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से 11 जनवरी तक 41 मामलों की पुष्टि हुई है। दुनियाभर में इस संक्रमण से 14 और चीन में 1 व्यक्ति की मौत हो चुकी है। नोवेल कोरोना वायरस को लेकर केंद्रीय स्वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी गंभीर हैं। उन्होंने कहा, हम इसकी गहन समीक्षा कर रहे हैं।
 
चीन में ताजा मामला : 5 जनवरी को नोवेल कोरोना वायरस का ताजा मामला चीन के वुआन प्रांत में सामने आया। यहां वायरस से एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार वायरस अभी विकसित हो रहा है। पता चला है कि चीन में यह बीमारी दिसंबर के आखिरी दिनों से शुरू हुई। शुरुआत में डॉक्टरों को लगा कि यह निमोनिया की तरह है, लेकिन बाद में जर्मन वैज्ञानिकों ने इसकी पड़ताल करके इसे नोवेल कोरोना वायरस बताया।
चीन से बाहर गए 2 लोगों की मौत : यूं तो चीन में ही बड़ी लैबोरेटरी है लेकिन वहां पर इस वायरस की पहचान नहीं हो सकी लेकिन जब संक्रमित लोगों की रिपोर्ट जर्मनी में जर्मन सेंटर फॉर इंफेक्शन रिसर्च भेजी, तब वहां पर इसकी पहचान हुई। चीन से जापान और थाईलैंड गए कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्तियों की जान जाने के बाद पूरी दुनिया का ध्यान इस ओर आकर्षित हुआ। चीन में इस वक्त 200 से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में हैं।
 
सी-फूड से जुड़ा है वायरस : WHO की प्राथमिक जांच के अनुसार, यह वायरस सी-फूड से जुड़ा है। कोरोना वायरस विषाणुओं के परिवार का है और इससे लोग बीमार पड़ रहे हैं। यह वायरस ऊंट, बिल्ली तथा चमगादड़ सहित कई पशुओं में भी प्रवेश कर रहा है। पशु दुर्लभ स्थिति में मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकते हैं। WHO  ने सभी एशियाई देशों को सावधान रहने की चेतावनी दी है।
कोरोना वायरस से फेफड़े क्षतिग्रस्त : चीन के मध्य स्थित वुहान प्रांत में अचानक लोग बीमार पड़ने लगे। यहां लोगों को पहले बुखार और फिर लगातार खांसी रहने लगी। जब डॉक्टरों ने रेडियोग्राफी की तो पता चला कि अधिकांश मरीजों के फेफड़े क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। डॉक्टरों के लिए यह बीमारी अजीबोगरीब बनी रही, लेकिन जर्मनी से आई रिपोर्ट से अब साफ हो गया है कि इसके पीछे नोवेल कोरोना वायरस है।
 
भारत में सतर्कता : स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन वायरस के मद्देनजर सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था की तैयारियों की समीक्षा कर रही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशानुसार, 8 और 15 जनवरी को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) की अध्यक्षता में संयुक्त निगरानी समूह (जेएमजी) की बैठक बुलाई गई थी। इसमें विभिन्न हितधारकों सहित (स्वास्थ्य तथा गैर स्वास्थ्य क्षेत्रों) तथा WHO के प्रतिनिधि शामिल हुए थे।
 
सूदन के अनुसार, WHO के परामर्श के अनुसार स्थिति पर नजर रखी जा रही है। इस वायरस का मानव से मानव संक्रमण वैश्विक स्तर पर कम है, इसलिए सीमित मानव से मानव संक्रमण के तथ्य को भी ध्यान में रखा जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रयोगशाला जांच, निगरानी, संक्रमण रोकथाम तथा नियंत्रण और जोखिम संचार पर सभी संबंधितों को आवश्यक निर्देश जारी किया है। 
 
NIV पुणे, आईसीएमआर प्रयोगशाला देश में NCOV के नमूने की जांच में सहयोग कर रहे हैं। उच्चस्तरीय बैठकों में अस्पतालों में प्रबंधन तथा संक्रमण रोकथाम नियंत्रण सुविधाओं के बारे में तैयारी की समीक्षा की गई है।

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