उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जिस तरह आफलाइन ग्राहकों को संरक्षण देने की व्यवस्था है, ऑनलाइन ग्राहकों को भी यह संरक्षण मिलना चाहिए। अभी तक आनलाइन बेचे जाने वाले सामान पर एमआरपी प्रकाशित होता है। हमने कंपनियों से लेबल पर अतिरिक्त ब्योरा देने को कहा है।
उन्होंने कहा कि एमआरपी के अलावा कंपनियों को विनिर्माण की तारीख, मियाद समाप्त होने की अवधि, शुद्ध भार, किस देश से अमुक उत्पाद आया है और कस्टमर केयर की जानकारी देनी होगी।
अधिकारी ने कहा कि कंपनियों को नए नियम के अनुपालन के लिए पर्याप्त समय दिया गया है। जनवरी, 2018 से यह अनिवार्य होगा कि जो सामान ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के जरिये बेचा जा रहा है, उस पर ये सभी घोषणाएं होंगी अन्यथा कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्वाई की जाएगी। यही नहीं कंपनियों को यह ब्योरा बड़े फोंट में छापना होगा जिससे उपभोक्ताओं को उन्हें पढ़ने में परेशानी नहीं हो। (भाषा)