ऑपरेशन मैत्री : नेपाल के दर्द की भारतीय दवा

रविवार, 26 अप्रैल 2015 (10:08 IST)
नई दिल्ली। नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद दुनिया के लगभग सभी देशों ने उसकी ओर मदद का हाथ बढ़ाया है, ऐसे में भारत कैसे पीछे रहता। भारत ने सबसे पहले नेपाल की मदद की और सेना तथा एनडीआरफ के जवानों को जानोमाल बचाने 'ऑपरेशन मैत्री' पर भेज दिया। 
 
भारतीय वायुसेना ने करीब 550 भारतीयों को बाहर निकाला है। राहत एवं बचाव अभियान तेज करते हुए भारत रविवार को वहां 10 विमान और 12 हेलीकॉप्टरों के साथ विशेषज्ञों और उपकरणों को भेज रहा है।
 
5 एम-17 हेलीकॉप्टर रविवार सुबह काठमांडू पहुंच चुके हैं जबकि 3 और पहुंच रहे हैं। इन विमानों में राहत सामग्री है। एनडीआरएफ के डीजी ओपी सिंह ने बताया कि नेपाल में एनडीआरएफ की 7 टीमें तैनात हैं और 3 टीमों को और भेजा जा रहा है। 
 
एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने बताया कि भारतीय प्राधिकारियों ने बहुत तेजी से कार्रवाई की और मुझे लगता है कि जरूरत के समय नेपाल में मानवीय सहायता और राहत अभियानों में मदद करने के लिए भारत में इच्छुक प्रत्येक पक्ष सक्रिय हो गया।
 
उन्होंने कहा कि आज हमने सेना, खासकर उनकी कुछ फील्ड इंजीनियर कंपनियों, रेजीमेंट की ओर से उपकरण लेकर 10 बड़े विमान भेजने की योजना बनाई है। एक विमान जा चुका है और अन्य विमान तैयार हो रहे हैं। अभियान पूरा दिन चलेगा।
 
नेपाल में संकट के समय मदद देने वाला पहला देश भारत आज अपना मिशन तेज कर रहा है। दिन में 8 मालवाहक विमान वहां जाने वाले हैं। इन विमानों के जरिए उपकरण, राहत सामग्री और विशेषज्ञों को नेपाल भेजा जाएगा। सेना की ओर से चिकित्सकीय सहायता भी वहां जाएगी। खोज एवं बचाव मिशन में मदद के लिए कम से कम 12 हेलीकॉप्टर हिमालयी देश भेजे जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि इस विनाशकारी ने भूकंप नेपाल में 1,800 लोगों की जान ले ली और 4,721 लोगों के घायल होने के समाचार हैं। 
 

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