India Pakistan War : पूरे देश में आक्रोश, आतंक के आकाओं का हो खात्मा, पहलगाम के बदले के लिए भारतीय सेना को मिली छूट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सशस्त्र बलों को पहलगाम आतंकवादी हमले के खिलाफ भारत की जवाबी कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय निर्धारित करने की 'पूरी अभियानगत छूट' है। मोदी ने यहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुखों सहित शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ एक हाईलेवल मीटिंग की अध्यक्षता के दौरान यह टिप्पणी की।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस हमले में शामिल आतंकवादियों और उनके आकाओं का “पृथ्वी के अंतिम छोर तक” पीछा करने और उन्हें “उनकी कल्पना से परे” कड़ी से कड़ी सजा देने का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री की कठोर टिप्पणियों और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर उनकी सरकार के कड़े रुख के कारण भारत की ओर से करारी जवाबी कार्रवाई की उम्मीदें बढ़ गई हैं। पहलगाम हमला जम्मू-कश्मीर में नागरिकों पर पिछले कई वर्षों में हुआ सबसे घातक हमला है, जिसे लेकर पूरे देश में आक्रोश की लहर है और हमलावरों तथा उनके आकाओं के खिलाफ कठोर जवाबी कार्रवाई की मांग उठ रही है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, बैठक में मोदी ने कहा कि आतंकवाद को करारा जवाब देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों की क्षमता में पूर्ण विश्वास व्यक्त किया। एक सूत्र ने मोदी के हवाले से कहा, “उन्हें (सशस्त्र बलों को) हमारी जवाबी कार्रवाई के तरीके, लक्ष्य और समय के बारे में फैसला लेने की पूरी अभियानगत छूट है।
इस बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान भी शामिल हुए। यह बैठक पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारत द्वारा उठाए जाने वाले संभावित कदमों पर विचार किए जाने के बीच हुई। पहलगाम के लोकप्रिय पर्यटन स्थल बैसरन में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे।
सर्जिकल स्ट्राइक से लिया था पुलवामा का बदला
मोदी सरकार ने 2016 में उरी में सेना के जवानों पर आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के अंदर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। उसने पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले को निशाना बनाए जाने के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमला किया था। पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए हैं, जिनमें पड़ोसी देश के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित करना भी शामिल है।
दिन में गृह सचिव की बैठक
सूत्रों ने बताया कि इससे पहले दिन में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख और दो अन्य सुरक्षा संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे। बैठक के एजेंडे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है। इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma