लक्षित हमले के बाद से कठुआ, सांबा और जम्मू जिलों में नागरिक क्षेत्रों एवं बीओपी को निशाना बनाते हुए पाक रेंजर्स ने 182 बार संघर्ष विराम उल्लंघन किया। 120 बार मोर्टार बम दागे और स्वचालित हथियारों से गोलीबारी की जिससे कई नागारिकों और सुरक्षाकर्मियों की जान चली गयी तथा महिलाओं एवं बच्चों समेत कई घायल हो गए। मवेशी भी मारे गए और मकानों को भी बड़ा नुकसान पहुंचा। गोलीबारी एवं गोलाबारी के चलते बड़ी संख्या में लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा, फसलों की कटाई रुक गयी, शादी-ब्याह पर बड़ा बुरा असर पड़ा। भारत और पाकिस्तान ने 2003 में जम्मू कश्मीर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर गोलीबारी नहीं करने संबंधी संधि की थी।