Pakistans brutality in PoK: भारत के दुश्मन देश पाकिस्तान वेबदुनिया डॉट कॉम की एक खबर से तिलमिला गया है। पाकिस्तान की टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी ने सोशल मीडिया साइट 'एक्स' से अनुरोध किया है कि वेबदुनिया की एक खबर ने पाकिस्तान के कानून का उल्लंघन किया है। दरअसल, इस खबर में वेबदुनिया ने पाक सेना की बर्बरता की हकीकत को बयां किया था, जो कि विभिन्न स्रोतों पर आधारित थी। हालांकि एक्स ने भी पाकिस्तान के आग्रह को अनदेखा करते हुए वेबदुनिया के कंटेंट पर किसी भी तरह के एक्शन से इन्कार किया है।
आखिर कौनसी खबर है जिससे पाकिस्तान बौखलाया : वेबदुनिया ने एक खबर प्रकाशित की थी कि पाकिस्तान अपने ही लोगों पर गोलियां दागने से बाज नहीं आ रहा है। पीओेके में पाकिस्तानी सेना के प्रमुख आसिम मुनीर की फौज ने लोगों पर गोलियां दागीं हैं। सरकार की तरफ से 29 सितंबर को बुलाई गई हड़ताल को रोकने के लिए हर सीमा लांघी जा रही है, यहां तक की सेना आम लोगों के ऊपर गोलियां चला रही है।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में भी उठाया मुद्दा : सयुंक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वथनेनी हरीश ने महिलाओं की सुरक्षा और शांति व्यवस्था को लेकर पाकिस्तान पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सिर्फ झूठ बोलकर पूरी दुनिया का ध्यान भटकाता है। उन्होंने 1971 के ऑपरेशन सर्चलाइट का जिक्र करते हुए दावा किया कि पाकिस्तान की सेना ने करीब 4 लाख महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान वह देश है जो अपने ही देश पर बमबारी करता है और नरसंहार करता है। ऐसा देश केवल दुनिया का ध्यान भटकाने की कोशिश कर सकता है।
लोग नहीं हट रहे पीछे : बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान सेना की तमाम कोशिशों के बावजूद स्थानीय लोग पीछे नहीं हट रहे हैं। मौके से सामने आए एक वीडियो में दिखा कि प्रदर्शनकारी जनता ने पाकिस्तान सेना के एक अधिकारी को ही पकड़ लिया है। पीओके में महंगाई, रोजगार और संसाधनों पर हक जैसे मुद्दों को लेकर जनता सड़कों पर है।
क्यों नाराज हैं लोग : उल्लेखनीय है कि पीओके में महंगाई, रोजगार और संसाधनों पर हक जैसे मुद्दों को लेकर जनता सड़कों पर है। ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी की अगुवाई में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। शहबाज शरीफ की सरकार असीम मुनीर के नेतृत्व वाली आर्मी इस प्रदर्शन को दबाने की कोशिश में लगी है, लेकिन लोगों में पाक सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है। लोगों की और भी मांगें हैं- जैसे सब्सिडी वाला आटा, मंगला जलविद्युत परियोजना से जुड़ी उचित बिजली दरें और लंबे समय से रुके सुधारों को जमीन पर लागू करना शामिल हैं।