400 पाकिस्तानी हिंदू परिवार चाहते हैं भारत में शरण

गुरुवार, 29 जनवरी 2015 (23:52 IST)
अहमदाबाद। गुजरात में रह रहे पाकिस्तान के 400 से ज्यादा परिवारों ने गुरुवार को यहां केंद्रीय गृह मंत्रालय और जिलाधिकारी कार्यालय की तरफ से आयोजित शिविर में शिरकत की।
दो दिवसीय शिविर का आयोजन नागरिकता की मांग करने वाले लोगों की अपील पर की गई। रेजीडेंट उपायुक्त एमएस गोहिल ने कहा, करीब 400 से 450 परिवारों ने शिरकत की। नागरिकता फॉर्म स्वीकार करने का मानक है कि व्यक्ति भारत में सात वर्षों से ज्यादा समय से रह रहा हो। पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के 28 लोगों ने आज आवेदन दिए। पाकिस्तान के दो मुस्लिम परिवारों ने भी शिविर में भारतीय नागरिकता की मांग की।
 
उन्होंने कहा, आज काफी संख्या में लोग लाइन में लगे थे जो या तो अपनी नागरिकता की स्थिति पर सूचना चाहते थे या नए आवेदन देना चाहते थे। कराची से यहां छह वर्ष पहले पहुंचे राजकुमार जेसरानी ने कहा कि भारत सरकार उनकी नागरिकता की मांग को लेकर उदासीन है।
 
जेसरानी ने कहा, मैं चिकित्सक हूं, मैं ग्रामीण इलाकों में भी काम करना चाहता हूं, लेकिन भारत सरकार ने मुझे छह वर्ष बाद भी नागरिकता नहीं दी, इसलिए मैं भारत में न तो सेवा दे सकता हूं, न ही अर्जन कर सकता हूं।
 
जेसरानी ने बताया कि करीब 430 परिवार नागरिकता चाहते हैं लेकिन गृह मंत्रालय के एक पत्र के मुताबिक कुछ ही आवेदनों पर विचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि इन लोगों को शरणार्थी का दर्जा भी नहीं दिया गया है। 
 
एक अन्य आवेदक मोतीराम खत्री ने कहा कि सरकार अकर्मण्य है। उन्होंने कहा, मैं 2009 में अहमदाबाद आया और मोबाइल फोन की दुकान चलाने लगा लेकिन कुछ कारणों से मुझे दहीगाम जाना पड़ा। पुलिस को जब मेरी पाकिस्तानी पहचान के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने मुझ पर अवैध गतिविधियों के लिए मामला दर्ज कर लिया। उन्होंने कहा, अगर सरकार ने मुझे नागरिकता दी होती तो मैं कानूनी चक्कर में नहीं फंसता। 
 
कराची से 23 वर्ष पहले आठ महीने की उम्र में भारत आई हीना कंजानी ने कहा कि वह सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगिता परीक्षाओं में हिस्सा नहीं ले सकतीं। उन्होंने कहा, मैंने गुजरात लोक सेवा आयोग की परीक्षा देने का प्रयास किया लेकिन नागरिकता के कारण मेरा फॉर्म खारिज हो गया। (भाषा) 

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