खुफिया सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार पाकिस्तानी नागरिक 2 परिवार के लोग हैं। इनमें 4 महिलाएं, 8 पुरुष और 2 बच्चे हैं। ये लोग सुबह कालका रेलगाड़ी से सूरतगढ़ पहुंचे, जहां से वे पाकिस्तान से लगती अनूपगढ़ सीमा की ओर जा रहे थे कि सूरतगढ़ से ही खुफियाकर्मी उनके पीछे लग गए। कुछ ही देर बाद उन्हें सरूपसर रेलवे स्टेशन पर उतार लिया गया।
सूत्रों ने बताया कि ये नागरिक अपने दिवंगत परिजनों की अस्थियां विसर्जन के लिए 13 अक्टूबर को मुनाबाव के रास्ते 20 दिन का हरिद्वार क्षेत्र का वीजा लेकर आए थे। इनके पास किसी तरह की आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली है। ये 15 अक्टूबर को हरिद्वार पहुंचे और 17 अक्टूबर को हरिद्वार से वापस मुनाबाव जाने के लिए रवाना हुए थे, लेकिन वीजा शर्तों का उल्लंघन करते हुए सूरतगढ़ में उतरने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग पार करके सीमा की तरफ जाने लगे।
किसी भी विदेशी नागरिक को राष्ट्रीय राजमार्ग 62/15 के दूसरी तरफ सीमा की ओर जाने पर प्रतिबंध है। खुफिया सूत्रों ने बताया कि इनकी वीजा अवधि 3 नवंबर को समाप्त होनी है। अब इनको पूछताछ करने के बाद देर शाम को जोधपुर होते हुए बाड़मेर से आगे मुनाबाव सीमा पर ले जाया जाएगा। वहां से इनको पाकिस्तान भेज दिया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि इनकी पहचान माई इकबाल, राम पुनुन, रामखानू, रामअतू, राममंगला, बरजोरी, रामचित्रा भूरियाराम, नौरंगराम, पुखीमाई, नोनीराम, शंकरराम और 2 बालकों के रूप में हुई है। सूत्रों ने बताया कि पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि वे पाकिस्तान में पंजाब के बहावलनगर के निवासी हैं। उन्होंने कहा है कि वे पाकिस्तान जाना नहीं चाहते। वहां उन पर अत्याचार होते हैं। पुलिस आगे कार्रवाई कर रही है। (वार्ता)