Parliament Winter Session Live update : लोकसभा-राज्यसभा से कृषि कानून वापसी बिल पास

सोमवार, 29 नवंबर 2021 (14:10 IST)
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) आज से शुरू हो रहा है। विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरने की पूरी रणनीति तैयार कर ली है। करीब 30 विधेयक लाए जा सकते हैं। पेगासस जासूसी विवाद, महंगाई, बेरोजगारी और चीन के अतिक्रमण, लखीमपुर कांड जैसे मुद्दों को लेकर भी विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। संसद के सत्र से जुड़ा ताजा अपडेट-


02:10 PM, 29th Nov
राज्यसभा से भी पास हुआ कृषि कानून वापसी बिल पास 

02:05 PM, 29th Nov
 कृषि कानून वापसी बिल राज्यसभा में पेश। कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर ने पेश किया बिल।

12:12 PM, 29th Nov
हंगामे के बीच बिना चर्चा के लोकसभा में कृषि कानून वापसी बिल पास हुआ। विपक्षी नेता बिल पर चर्चा कराने की मांग करते रहे, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष हंगामे पर नाराज हुए। 
 

12:08 PM, 29th Nov
लोकसभा में कार्रवाई शुरू होते ही हंगामा। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सदन में रखा कृषि वापसी बिल।

11:41 AM, 29th Nov
लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी विपक्ष ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद सभापति ने राज्यसभा की कार्यवाही 12.19 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

11:11 AM, 29th Nov
संसद के शीतकालीन सत्र का आगाज। लोकसभा और राज्यसभा की कार्रवाई शुरू। विपक्षी नेताओं ने की नारेबाजी। लोकसभा अध्यक्ष ने दोपहर 12 बजे तक कार्रवाई को स्थगित किया।

11:06 AM, 29th Nov
कांग्रेस के विरोध का नेतृत्व करने पहुंचीं सोनिया गांधी
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पार्टी के विरोध का नेतृत्व किया। 

10:57 AM, 29th Nov
संसद में अन्नदाता के नाम का सूरज उगाना है
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक को संसद में पेश किए जाने से पहले, सोमवार को कहा कि आज संसद में अन्नदाता के नाम का सूरज उगाना है। राहुल ने ट्वीट किया कि आज संसद में अन्नदाता के नाम का सूरज उगाना है। संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू होने जा रहा है और आज ही कृषि कानून निरसन विधेयक-2021 को लोकसभा में विचार किये जाने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की घोषणा के बाद इसके लिए एक विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की थी।

10:45 AM, 29th Nov
शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि संसद में सवाल भी हो और शांति भी। उन्होंने कहा कि भविष्य में संसद को कैसा चलाया, कितना अच्छा योगदान दिया, कितना सकारात्मक काम हुआ, उस तराजू पर तोला जाए। न कि मापदंड ये होना चाहिए कि किसने कितना जोर लगाकर सत्र को रोका। सरकार हर विषय पर खुली चर्चा के लिए तैयार है। हम चाहते हैं कि संसद में सरकार की नीतियों के खिलाफ जितनी आवाज प्रखर होनी चाहिए हो, लेकिन संसद की गरिमा, स्पीकर की गरिमा के विषय में हम वो आचरण करें, जो आने वाले दिनों में देश की युवा पीढ़ी के काम आए। देश के 80 करोड़ नागरिकों को इस कोरोना काल के संकट में और अधिक तकलीफ ना हो इसलिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से मुफ्त अनाज की योजना चल रही है। अब इस योजना को मार्च 2022 तक बढ़ा दिया गया है। पिछले सत्र के बाद कोरोना की विकट परिस्थिति में भी देश ने कोरोना वैक्सीन की 100 करोड़ से अधिक डोज का आंकड़ा पार कर लिया है और 150 करोड़ की ओर अग्रसर है। नए वेरिएंट की खबरें भी हमें और सतर्क करती है, और सजग करती हैं। संविधान दिवस पर भी नए संकल्प के साथ संविधान की spirit को चरितार्थ करने के लिए हर किसी के दायित्व के संबंध में पूरे देश ने एक संकल्प किया है। देश भी चाहेगा कि भारत की संसद ये सत्र और आने वाले सभी सत्र, आजादी के दीवानों की भावनाओं के अनुकूल देशहित में चर्चाएं करें। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, हिंदुस्तान में चारों दिशाओं में आजादी के अमृत महोत्सव निमित रचनात्मक, सकारात्मक, जनहित, राष्ट्रहित के लिए, सामान्य नागरिक अनेक कार्यक्रम कर रहे हैं। आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे, उन सपनों को पूरा करने के लिए देश का सामान्य नागरिक भी कोई न कोई दायित्व निभाने का प्रयास कर रहा है। यह अपने आप में भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभ संकेत है।

10:39 AM, 29th Nov
प्रधानमंत्री स्पष्ट करें- बिल दोबारा नहीं आएगा
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले आप सांसद संजय सिंह ने कहा है कि कृषि क़ानूनों को रद्द करने का बिल लेकर आ रही है, लेकिन इस सरकार ने 750 किसानों की शहादत ली है। किसानों के मन में आशंका है कि ये सरकार कब क्या कर दे, उन्हें भरोसा नहीं। आज प्रधानमंत्री को सदन में ये स्पष्ट करना चाहिए कि यह बिल दोबारा इस संसद में नहीं आएगा।

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