यह कहा पीठ ने : न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि यह दिल्ली के उपराज्यपाल पर निर्भर है कि अगर वे चाहें तो कार्रवाई करें, लेकिन हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे। अदालत ने कहा कि यह प्राधिकार का मामला है, लेकिन केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।
पीठ ने कहा, इसका कोई कानूनी अधिकार नहीं : पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि जब मामले की सुनवाई हो रही थी तो हमने उनसे भी यही सवाल किया था। आखिरकार यह प्राधिकार का मामला है और इसका कोई कानूनी अधिकार नहीं है। उच्चतम न्यायालय याचिकाकर्ता कांत भाटी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के 10 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी थी जिसके जरिए उनकी अपील को खारिज कर दिया गया था।(भाषा)