दवा उद्योग को माफिया मुक्त करेंगे : अनंत कुमार

शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2017 (18:17 IST)
नई दिल्ली। रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, गरीबों को सस्ती दर पर सही दवाएं उपलब्ध कराने तथा दवा उद्योग को माफिया तंत्र से मुक्त करने का शुक्रवार को सरकार के संकल्प को व्यक्त किया। 
कुमार ने यहां नेशनल युवा को-ऑपरेटिव सोसायटी के एक प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दवा उद्योग में जगह-जगह माफिया हावी हैं जिनसे इसे मुक्त कराने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह संकल्प भी है। उन्होंने कहा कि बाजार में 3 तरह की दवाएं जेनरिक, जेनरिक ब्रांडेड और पेटेंटेड ब्रांडेड हैं। कुछ दवाएं 5-6 रुपए में मिलनी चाहिए लेकिन बाजार में 250 से 2,500 रुपए तक में बिक रही हैं। 
 
उन्होंने कहा कि दवाओं के तैयार करने की प्रक्रिया, कच्चा माल और मूल तत्व एक ही हैं लेकिन जेनरिक दवाएं गुणवत्तापूर्ण और सस्ती हैं जबकि यही दवाएं ब्रांडेड और पेटेंटेड ब्रांडेड के नाम पर बहुत अधिक कीमत में बेची जा रही हैं। देश में लगभग 10,000 दवा निर्माता कंपनियां हैं जिनमें से 150 जानी-मानी कंपनियां छोटी कंपनियों से ठेके पर दवाएं बनवाती हैं और उस पर अपना ब्रांड और मुहर लगाकर उसे बेचती हैं। 
 
रसायन एवं उर्वरक मंत्री ने कहा कि मार्च के अंत तक देश में 3,000 जनऔषधि केंद्र खोलने का प्रयास किया जा रहा है और इनमें से 770 केंद्र खुल भी गए हैं। इन केंद्रों में सरकार 1 लाख रुपए की रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोगों, कैंसर, एंटीबायोटिक, दर्दनिवारक और कैल्सियम आदि की दवाएं उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा फर्नीचर के लिए 1 लाख और कम्प्यूटर आदि के लिए 50,000 रुपए भी देगी। 
 
अनुसूचित जाति और जनजाति को और अधिक मदद दी जाएगी। इन केंद्रों में 600 तरह की दवाएं तथा 150 तरह के शल्य उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने युवाओं से जन औषधि केंद्रों की स्थापना के लिए आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को दवा व्यवसाय की 20 प्रतिशत राशि दी जाएगी। 
 
दवाओं की अधिक कीमत के कारण घर के बजट पर पड़ने वाले प्रभाव की चर्चा करते हुए कुमार ने कहा कि एक सर्वेक्षण के अनुसार 60 वर्ष के एक नागरिक को एक दवा लेनी पड़ती है जबकि 65 साल के व्यक्ति को रोजाना 2 दवाएं लेनी पड़ती हैं। सस्ती दवाओं से इन परिवारों में मासिक 1,000 से 2,000 हजार रुपए बच सकेगा। 
 
नेशनल युवा को-ऑपरेटिव ने मार्च तक 1,000 जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है। इसके प्रमुख राजेश पांडे ने कहा कि उनके कार्यकर्ता वरिष्ठ नागरिकों को घर पर ही दवा उपलब्ध कराएंगे। (वार्ता)

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