क्या बताया विश्वास ने : विश्वास ने बताया कि दुर्घटना हुई तो विमान टूट गया और वह अपने सीट समेत बाहर आ गया और इस तरह वह आग की लपटों में नहीं घिरा। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्होंने विमान से कूदकर अपनी जान नहीं बचाई। जब बाहर आया तो देखा चारों तरफ लाशें ही लाशें थीं। किसी का हाथ नहीं था तो किसी का पैर और सिर नहीं थे। जलकर लोग खाक हो चुके थे। मैं सीधे अस्पताल की ओर भागा।
ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वासकुमार (40 वर्ष) इस हादसे के एकमात्र जीवित बचे यात्री हैं। सीट 11ए पर सवार रमेश ने बताया, "उड़ान भरने के 30 सेकंड बाद ही भीषण धमाका हुआ। मैंने चारों ओर शव और विमान के टुकड़े देखे। डर के मारे मैं उठा और भाग खड़ा हुआ। उन्हें सीने, आँखों और पैरों में चोटें आईं, पर वह स्थिर हैं। उनके भाई अजय विश्वासकुमार, जो उसी उड़ान में सवार थे, अब मृतकों की सूची में शामिल हैं। रमेश पिछले 20 वर्षों से लंदन में रह रहे हैं और यात्रा परिवार से मिलने के लिए की थी। विश्वास, जो कुछ दिनों के लिए अपने परिवार से मिलने भारत आए थे, के हवाले से हिंदुस्तान टाइम्स ने रिपोर्ट किया, "उड़ान भरने के तीस सेकंड बाद, एक ज़ोरदार आवाज़ हुई और फिर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह सब बहुत तेज़ी से हुआ। उन्होंने बताया, "जब मैं उठा, तो मेरे चारों ओर शव थे। मैं डर गया था। मैं खड़ा हुआ और भागा। मेरे चारों ओर विमान के टुकड़े थे। किसी ने मुझे पकड़ा और एम्बुलेंस में डालकर अस्पताल पहुंचाया।" खबरों के मुताबिक, उनकी छाती, आंखों और पैरों में चोटें आई हैं।