India first under water train : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कोलकाता में हावड़ा मैदान और एस्प्लेनेड के बीच मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। इसी के साथ भारत में नदी के नीचे पहली सुरंग भी यातायात के लिए खुल गया।
उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो में स्कूली बच्चों के साथ सफर किया। इस अवसर पर वे बच्चों से बात करते भी नजर आए। पानी में मेट्रो की रफ्तार 80 किमी प्रति घंटा थी।
दो स्टेशनों - हावड़ा मैदान और एस्प्लेनेड के बीच सुरंग की कुल लंबाई 4.8 किलोमीटर है। इसमें, 1.2 किमी सुरंग हुगली नदी में 30 मीटर नीचे है, जो इसे किसी भी बड़ी नदी के नीचे देश की पहली परिवहन सुरंग बनाती है।
यह सुरंग ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर परियोजना का एक हिस्सा है। इस कॉरिडोर में वर्तमान में साल्ट लेक सेक्टर पांच से सियालदह तक का हिस्सा व्यावसायिक रूप से परिचालन में है। इस कॉरिडोर की पहचान 1971 में शहर के मास्टर प्लान में की गई थी।
मेट्रो रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कौशिक मित्रा ने कहा कि हावड़ा और कोलकाता, पश्चिम बंगाल के दो सदियों पुराने ऐतिहासिक शहर हैं और यह सुरंग हुगली नदी के नीचे से इन दोनों शहरों को जोड़ेगी। हुगली नदी के नीचे स्थापित हावड़ा मेट्रो स्टेशन, देश का सबसे गहराई में स्थित स्टेशन भी हो गया।
जानिए क्या है इसमें खास : हुगली के नीचे बनी मेट्रो सुरंग की लंबाई 520 मीटर और ऊंचाई 6 मीटर है।
नदी के नीचे 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन। लगभग आधा किलोमीटर लंबी इस पानी के अंदर बनी सुरंग से यात्री 45 सेकंड में गुजर जाएंगे।
यह भारत की पहली ऐसी परिवहन परियोजना है, जिसमें मेट्रो रेल नदी के नीचे बनी सुरंग से गुजरेगी।
सुरंग सतह से लगभग 33 मीटर नीचे है। यह सुरंग 120 साल का आंकलन करके बनाई गई है।
पानी के नीचे मेट्रो रूट लंदन और पेरिस में ही बना है। इस तरह भारत दुनिया का तीसरा ऐसा देश होगा जहां मेट्रो ट्रेन पानी भीतर चलेगी।