प्रधानमंत्री ने कहा कि इस 2017 के 15 अगस्त को हम संकल्प पर्व के रूप में मनाएं और 2022 में आज़ादी के जब 75 साल होंगे, तब हम उस संकल्प को सिद्धि में परिणत करके ही रहेंगे। आज आवश्यकता 'करेंगे या मरेंगे' की नहीं, बल्कि नए भारत के संकल्प के साथ जुड़ने की है, जुटने की है, जी-जान से सफलता पाने के लिए पुरुषार्थ करने की है। संकल्प को लेकर के जीना है, जूझना है। सब मिलकर इस अगस्त महीने में 9 अगस्त से संकल्प से सिद्धि का एक महाभियान चलाएं। प्रत्येक भारतवासी, सामाजिक संस्थाएं, स्थानीय निकाय की इकाइयां, स्कूल, कॉलेज, अलग-अलग संगठन - हर एक भारत के लिए कुछ-न-कुछ संकल्प लें। एक ऐसा संकल्प, जिसे अगले 5 वर्षों में हम सिद्ध कर के दिखाएंगे। युवा संगठन, छात्र संगठन, गैर सरकारी संगठन आदि सामूहिक चर्चा का आयोजन कर सकते हैं। (वार्ता)