राष्ट्रपति वारेन हार्डिंग ने फरवरी 1922 में रेडियो स्थापित किया और जून 1922 में पहली बार रेडियो से अपना भाषण प्रसारित किया। इसके बाद कूलिज ने 1924 में रेडियो का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया। वे जब राष्ट्रपति बने तो उस समारोह का विवरण रेडियो से प्रसारित किया गया। उसके बाद वे अपने कार्यकाल में हर माह कम से कम एक बार देशवासियों को रेडियो से संबोधित करते रहे जिसके कारण जनता के साथ उनका संबंध एवं आकर्षण बना रहा।
अमेरिकी राष्ट्रपति रुजवेल्ट ने 1933 से 1944 के बीच 30 बार रेडियो से देशवासियों को संबोधित किया। गोयनका ने पुस्तक में लिखा है कि भारत में 23 जुलाई 1927 को मुंबई में पहला रेडियो स्टेशन स्थापित हुआ था। 8 जून 1936 को इसका नाम ऑल इंडिया रेडियो रखा गया और 5 तथा 7 मार्च 1936 को प्रेमचंद ने 2 कहानियों का पाठ किया जिसका पारिश्रमिक उन्हें 80 रुपए मिला।
उन्होंने पुस्तक की भूमिका में लिखा है कि उन्होंने अपने जीवन में प्रथम प्रधानमंत्री पं.जवाहरलाल नेहरू से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह जैसे प्रधानमंत्रियों के भाषण सुने हैं लेकिन किसी ने जनता के साथ ऐसा संवाद कायम नहीं किया। मोदी ने न केवल रेडियो को और लोकप्रिय बनाया बल्कि देशवासियों में एक नई प्रेरणा और उत्साह का संचार करने के साथ नई दिशा प्रदान की। (वार्ता)