मोदी ने रेडियो पर प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' के 41वें संस्करण में कहा कि 4 मार्च को 'राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस' मनाया जाएगा। दैनिक जीवन में सुरक्षा को लेकर सतर्कता आवश्यक है। इससे न सिर्फ प्राकृतिक आपदाओं के समय जीवन को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी बल्कि दुर्घटनाओं से भी बचा जा सकता है। दैनिक जीवन में सुरक्षा को लेकर अगर हम जागरूक नहीं होते हैं तो फिर आपदा के दौरान इसे पाना मुश्किल हो जाता है।
उन्होंने कहा कि सड़कों पर सुरक्षित सफर के लिए 'सतर्कता हटी-दुर्घटना घटी', 'एक भूल करे नुकसान, छीने खुशियां और मुस्कान', 'इतनी जल्दी न दुनिया छोड़ो, सुरक्षा से अब नाता जोड़ो', 'सुरक्षा से न करो कोई मस्ती, वर्ना जिंदगी होगी सस्ती' जैसे कई उपयोगी वाक्य लिखे होते हैं।
उन्होंने कहा कि इन वाक्यों का हमारे जीवन में कभी-कभी कोई उपयोग ही नहीं होता है। प्राकृतिक आपदाओं को अगर छोड़ दें तो ज्यादातर दुर्घटनाएं हमारी कोई-न-कोई गलती का परिणाम होती हैं। अगर हम सतर्क रहें, आवश्यक नियमों का पालन करें तो हम अपने जीवन की रक्षा तो कर ही सकते हैं लेकिन बहुत बड़ी दुर्घटनाओं से भी हम समाज को बचा सकते हैं। कभी-कभी हमने देखा है कि कार्यक्षेत्र में सुरक्षा को लेकर बहुत सूत्र लिखे होते हैं लेकिन जब देखते हैं तो कहीं उसका पालन नजर नहीं आता है' (वार्ता)