नई दिल्ली। कांग्रेस कार्यकारिणी समिति से प्रणब मुखर्जी को विदाई देते वक्त सोनिया गांधी ने कहा था कि उन्हें उनके नाज-नखरे की कमी खलेगी। दरअसल, जून 2012 में संप्रग की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर उनके नाम की औपचारिक मंजूरी देने वाली एक बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष ने यह कहा था।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने हाल ही में विमोचित अपनी पुस्तक 'द कोलिशन ईयर्स' में लिखा है कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक बैठक को संबोधित करने के बाद सोनिया गांधी ने मुझे एक भावुक विदाई दी थी। इसके बाद उन्होंने थोड़ी मुस्कुराहट के साथ मुझे देखा और कहा था कि बेशक, मुझे उनके कुछ नाज-नखरे की कमी खलेगी।
साल 2007 और 2012 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले की घटनाओं को याद करते हुए मुखर्जी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने उनसे कहा था कि उन्होंने संप्रग सरकार और संसद में जो अहम भूमिका निभाई है, उसके चलते पार्टी उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त नहीं कर सकती है।
7, रेसकोर्स रोड स्थित प्रधानमंत्री आवास में कांग्रेस कार्यकारिणी समिति की 25 जून 2012 को हुई बैठक के घटनाक्रम को बयां करते हुए मुखर्जी ने इस बात का जिक्र किया है कि बैठक में मौजूद सोनिया गांधी, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी के पदाधिकारियों और मुख्यमंत्रियों ने आखिरकार उन्हें राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की हरी झंडी दिखाई।
पूर्व राष्ट्रपति ने पुस्तक में लिखा है कि मेरे नामांकन के बारे में असमंजस की मुख्य वजह वैसी ही थी, जो 2007 में थी। उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि सोनिया उन्हें सरकार में निभाई जा रही उनकी जिम्मेदारी से मुक्त करने से बच रही थीं। (भाषा)