'पीके' के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर को एक समय चुनाव में जीत की गारंटी माना जाता था। साल 2014 के चुनाव प्रचार में भाजपा के प्रचार को उन्होंने 'मोदी लहर' में बदल दिया था और भाजपा को महाजीत दिलवाई थी। बिहार के विधानसभा चुनावों में मोदी लहर के बावजूद जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस महागठंबधन को जीत दिलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका मानी गई।
41 साल के प्रशांत किशोर के राजनीति में आने की अटकलें लगातार चल रही थीं। किशोर 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा, बिहार में 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन और 2017 में उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए काम कर चुके हैं।