'अपने मन में एक लक्ष्य लिए, मंज़िल अपनी प्रत्यक्ष लिए हम तोड़ रहे हैं जंजीरें. हम बदल रहे हैं तस्वीरें। ये नवयुग है, नव भारत है। खुद लिखेंगे अपनी तकदीरें : हम निकल पड़े हैं प्रण करके, अपना तन-मन अर्पण करके, जिद है एक सूर्य उगाना है। अम्बर से ऊंचा जाना है। एक भारत नया बनाना है। एक भारत नया बनाना है।'