प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर तोड़ा भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड, 4.1 लाख मतों के अंतर से जीतीं

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शनिवार, 23 नवंबर 2024 (22:57 IST)
वायनाड/नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) वाद्रा ने शनिवार को वायनाड (Wayanad) लोकसभा उपचुनाव में 4 लाख से अधिक मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की और 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने भाई राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की जीत के अंतर को पीछे छोड़ दिया।
 
वाद्रा (52) ने 6 लाख से अधिक वोट हासिल कर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के उम्मीदवार सत्यन मोकेरी को हराया। मोकेरी को 2,11,407 जबकि तीसरे स्थान पर रहीं भाजपा की उम्मीदवार नव्या हरिदास को 1,09,939 वोट मिले।ALSO READ: वायनाड से प्रियंका गांधी प्रचंड जीत की ओर, मिल सकते हैं इतने वोट?
 
कम मतदान के कारण प्रियंका गांधी को 6,22,338 वोट मिले, जो अप्रैल में हुए लोकसभा चुनाव में उनके भाई राहुल गांधी को मिले 647,445 वोटों से कम है। हालांकि उन्हें 410,931 मतों अंतर से जीत मिली, जबकि राहुल को 364,422 वोटों से जीत हासिल हुई थी।
 
नेहरू-गांधी परिवार के 3 सदस्य संसद सदस्य : प्रियंका की जीत के साथ दशकों में पहली बार नेहरू-गांधी परिवार के 3 सदस्य- सोनिया, राहुल और प्रियंका- अब संसद सदस्य हैं। जीत से उत्साहित प्रियंका गांधी ने वायनाड के लोगों को अपने 'प्यारे बहन और भाई' कहकर संबोधित किया और कहा कि वह वायनाड के लोगों की ओर से उन पर जताए गए 'विश्वास के लिए आभारपूर्वक अभिभूत हैं।
 
वाद्रा ने 'एक्स' पर पोस्ट किया कि वायनाड की मेरी प्यारी बहनो और भाइयो, आपने मुझ पर जो भरोसा जताया है, उसके लिए मैं कृतज्ञता से अभिभूत हूं। मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि समय के साथ, आप वास्तव में महसूस करें कि यह जीत आपकी जीत है और जिसे आपने अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना है वह आपकी आशाओं और सपनों को समझती है तथा आपके लिए लड़ती है। मैं संसद में आपकी आवाज़ बनने के लिए उत्सुक हूं।''ALSO READ: प्रियंका गांधी ने बताया, कैसे करना चाहती है वायनाड की सेवा?
 
कांग्रेस महासचिव ने संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के सहयोगियों, केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का भी आभार जताया। उन्होंने कहा कि मेरी मां (सोनिया गांधी), रॉबर्ट (पति) और मेरे 2 बच्चों- रेहान व मिराया, आपने मुझे जो प्यार और साहस दिया है, उसके लिए मैं आभार व्यक्त नहीं कर सकती। और मेरे भाई राहुल, आप उन सभी में सबसे बहादुर हैं। मुझे रास्ता दिखाने और हमेशा मेरा साथ देने के लिए आपका धन्यवाद।
 
वाद्रा ने 23 अक्टूबर को अपना नामांकन दाखिल करने के बाद से लोकसभा क्षेत्र में जोरदार अभियान चलाया, जिसमें वायनाड जिले के 3, मलप्पुरम के 3 और कोझिकोड का एक विधानसभा क्षेत्र शामिल है। उन्होंने क्षेत्र के लगभग हर गांव में मतदाताओं तक पहुंच बनाई।
 
अक्टूबर में नामांकन दाखिल करने से ठीक पहले जब उन्होंने कलपेट्टा में रोड शो किया था, तब उनकी मां, पति, पुत्र और भाई राहुल, एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी महासचिवों और पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत शीर्ष कांग्रेस नेताओं ने वायनाड का दौरा किया था।ALSO READ: प्रियंका गांधी को वायनाड में क्यों याद आई मदर टेरेसा?
 
वाद्रा के अभियान को कांग्रेस की सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का पुरजोर समर्थन प्राप्त था, जिसका इस निर्वाचन क्षेत्र में महत्वपूर्ण वोट आधार है। इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनावों में दो सीट से जीतने वाले राहुल के वायनाड से इस्तीफा देने के बाद उपचुनाव की आवश्यकता हुई थी।
 
वाद्रा ने विपक्ष के इस दावे का विरोध किया कि अगर वह निर्वाचित होती हैं तो वह भी 'अपने भाई की तरह वायनाड सीट छोड़ देंगी'। भाजपा और वाम दलों ने भी यह आरोप लगाया था कि वह (वाद्रा) आपात स्थिति के दौरान आवश्यकता होने पर निर्वाचन क्षेत्र में मौजूद नहीं रहेंगी।
 
वाद्रा पार्टी के कठिन समय में लोकसभा सदस्य बनी हैं, जिसे हरियाणा और महाराष्ट्र में चुनावी हार से झटका लगा है। वाद्रा ने नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष खरगे के आवास पर उनसे मुलाकात की और चुनाव प्रचार के दौरान समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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