आरोप है कि दलित समुदाय की एक युवती के साथ दुष्कर्म की घटना घटित हुई थी, उसके बाद बर्बरतापूर्वक उसकी गर्दन तोड़ दी गई, जीभ काट दी गई। इलाज के दौरान पीड़ित युवती की सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी। इसके बाद पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। यहां न तो मीडिया को जाने दिया गया न ही राजनीतिक दलों के नेताओं को।
पीड़िता के भाई ने आरोप लगाया कि हमें न तो किसी से मिलने दिया जा रहा है और न ही किसी से बात करने दी जा रही है। इस बीच, यूपी के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी और अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी पीड़िता के परिजनों से मिलने घर पहुंचे। राहुल और प्रियंका गांधी ने इस पूरे मामले को एक बार फिर तूल दे दिया है। 1 अक्टूबर को यमुना एक्सप्रेस वे पर रोकने के बाद शनिवार को एक बार फिर हाथरस के लिए रवाना हुए।
दूसरी ओर, केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने हाथरस सामूहिक दुष्कर्म को लेकर हो रही राजनीति की निंदा करते हुए शनिवार कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस मामले में एसआईटी गठित कर दी है और जांच रिपोर्ट के आते ही तुरंत यथोचित कार्रवाई की जाएगी।