नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कुछ राज्यों पर VAT नहीं घटाने पर सवाल उठाने के बाद विपक्ष भी इस मामले में मोदी सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सवाल किया कि फ्यूल टैक्स का 68 फीसदी केंद्र के पास, राज्य कैसे जिम्मेदार है?
उन्होंने ट्वीट किया, 'ईंधन की अत्यधिक कीमतों के लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहराइये ! कोयले की कमी के लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहराइये! ऑक्सीजन की कमी के लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहराइये! ईंधन पर लगने वाले कर का 68 प्रतिशत हिस्सा केंद्र लेता है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री जिम्मेदार से पल्ला झाड़ते हैं। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी का संघवाद सहकारी नहीं है। यह प्रतिरोधी है।'
इससे पहले भी राहुल ने ट्वीट किया था, भारत बिजली की कमी से जूझ रहा है। आम लोगों को 8 घंटे की बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। मैंने पीएम नरेंद्र मोदी को चेतावनी दी थी कि बिजली की मांग पीक पर होने के कारण कोयले के भंडार की कमी देश के लिए परेशानी का कारण बनेगी।
पीएम ने कहा था कि केंद्र ने पिछले नवंबर में एक्साइज ड्यूटी घटाई थी और राज्यों से टैक्स कम करने का आग्रह किया था। मगर महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, केरल, झारखंड और तमिलनाडु ने बात नहीं मानी। मेरी प्रार्थना है कि टैक्स घटाकर नागरिकों को लाभ पहुंचाएं। महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों ने भी कहा है कि ईंधन का दाम बढ़ने के लिए राज्य कैसे जिम्मेदार है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि केंद्र पर राज्य का 26,500 करोड़ रुपए बकाया है। ठाकरे ने केंद्र पर महाराष्ट्र के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल के मूल्य में वृद्धि के लिए जिम्मेदार नहीं है।