गांधी ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर प्रधानमंत्री का नाम लिए बगैर लिखा कि एचएएल के पास वेतन तक देने के पैसे नहीं हैं, इससे किसी को भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए। राफेल तो दे ही दिया था, अब काम पूरा करने के लिए सूट-बूट वाले दोस्त को लोगों की जरूरत है, जो एचएएल के पास है, बिना एचएएल को कमजोर किए ये वाला काम तो हो नहीं सकता?
सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि एचएएल का कहना है कि एक भी पैसा नहीं आया है। एक भी पैसे के अनुबंध पर हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि एचएएल को पहली बार वेतन देने के लिए 1,000 करोड़ रुपए का ऋण लेना पड़ा है। (वार्ता)