आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी के चुनाव दिसंबर माह में होने वाले हैं। अखिलेश प्रतापसिंह ने अतिउत्साह में चुनाव कार्यक्रम ट्वीट किया है, साथ ही कमेंट भी किय है कि इंतजार की घड़ियां समाप्त, राहुलजी बनेंगे कांग्रेस के अध्यक्ष। ये कैसा लोकतंत्र है कि चुनाव से पहले ही राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने की घोषणा की जा रही है।
वैसे भी यह चुनाव मात्र दिखावा ही है क्योंकि राहुल के गांधी के खिलाफ कांग्रेस में कौन चुनाव लड़ने की हिम्मत करेगा, यदि किसी ने हिम्मत की भी तो उसे बाहर का रास्ता दिखाने में तनिक भी देर नहीं लगाई जाएगी। या फिर उसे हाशिये पर डाल दिया जाएगा।
ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि जब राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनेंगे ही तो फिर चुनाव की नौटंकी क्यों? राहुल गांधी की योग्यता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता, लेकिन यह सवाल तो उठता ही है कि 100 साल से ज्यादा पुरानी कांग्रेस के पास ऐसा कोई नेता नहीं जो गांधी-नेहरू परिवार से बाहर का हो और यह जिम्मेदारी उठाने की योग्यता रखता हो।
गौरतलब है कि यूपी के दिग्गज नेता स्व. जितेन्द्र प्रसाद ने एक समय सोनिया गांधी के नेतृत्व को चुनौती देते हुए उनके खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान किया था। तब उन्हें 7771 में से जितेन्द्र प्रसाद को मात्र 94 मत मिले और सोनिया गांधी 7448 मत से विजयी हुईं। 229 मत अवैध घोषित हुए। तब उन्होंने चुनाव परिणाम की घोषणा के तुरंत बाद कहा था कि संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया की समीक्षा होनी चाहिए। बाद में प्रसाद का क्या हश्र हुआ, यह कौन नहीं जानता।