राहुल ने अपनी बात के पक्ष में तर्क देते हुए ट्वीट किया कि मेरा मानना है कि RSS व संबंधित संगठन को संघ परिवार कहना सही नहीं- परिवार में महिलाएं होती हैं, बुजुर्गों के लिए सम्मान होता, करुणा और स्नेह की भावना होती है- जो RSS में नहीं है। अब RSS को संघ परिवार नहीं कहूंगा।
राहुल के ट्वीट के जवाब में लोगों ने मिलीजुली प्रतिक्रियाएं भी कीं। दिलीप मंडल ने लिखा- महात्मा फुले के सत्यशोधक समाज के जवाब में ब्राह्मणों ने 1925 में RSS बनाया। पिछले 96 में से 92 साल तक इसका चीफ़ हमेशा ब्राह्मण रहा है। आज भी दो राज्यों को छोड़कर हर जगह उसका प्रांत अध्यक्ष ब्राह्मण है। लेकिन कांग्रेस RSS को ब्राह्मणों का संगठन नहीं बोल पा रही है।
आशीष ठाकुर ने राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए लिखा- भारत के मान, भारत की शान मां भारती के पुत्र सच्चे निर्भीक और ईमानदार व्यक्तित्व राहुल जी। वहीं किसान पुत्र नामक ट्विटर हैंडल से राहुल पर कटाक्ष करते हुए लिखा गया- राहुल जी, अधूरा मान घातक है। आप पुरुष हॉकी मैच में महिला को देखना चाहते हैं, आपको महिला हॉकी मैच में जाना चाहिए। ठीक इसीलिए #RSS में भी आपको महिलाओं को देखने के लिए आपको #RSS के महिला विंग #राष्ट्र_सेविका_समिति में जाना चाहिए।
वहीं, जमशेद आलम अंसारी ने लिखा- कोई नया नाम दीजिए RSS (संघ) को, वही लिया जाएगा और ट्रेन्ड किया जाएगा। एक अन्य ट्विटर हैंडल से लिखा गया- बुजुर्गों के लिए सम्मान सीताराम केसरी जी वाले केस में दिख गया था, करुणा मेनका गांधी जी को छोटे बच्चे के साथ रात में ही घर से बाहर निकाल कर दिखा दी गई थी और स्नेह का प्रदर्शन तो शशि थरूर जी जब तब रेशमी जुल्फें झटक के करते ही रहते हैं।