उन्होंने विशाल विमान वाहक पोत पर योग दिवस समारोह का नेतृत्व किया और करीब एक घंटे तक योगासन भी किए। समारोह में अग्निवीरों ने भी एकता तथा कल्याण की भावना को आत्मसात करते हुए योग किया। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार और नौसेना तथा रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।
इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने कहा कि आइए हम सब मिलकर एक प्रण लें, कि हम सभी योग को अपने जीवन का एक अभिन्न अंग बनाएंगे। यह अंतरराष्ट्रीय योग दिवस इसलिए भी हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि यह अमृत काल में हमारे प्रवेश के ठीक बाद मनाया जा रहा है।
राजनाथ ने कहा कि जब हम योग के अर्थ पर नजर डालते हैं, तो हम पाते हैं कि योग का अर्थ ही होता है- जोड़ना। यह मनुष्य को प्रकृति से जोड़ता है। हमारी आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है। इहलोक को परलोक से जोड़ता है। सबसे महत्वपूर्ण बात, यह हमारे शरीर और दिमाग को जोड़ता है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार अपने स्तर पर योग को भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में फैलाने का भगीरथ प्रयास कर रही है। आज पूरी दुनिया में योग एक गौरवमयी यात्रा कर रहा है। दुनिया ने योग के महत्व को जाना और पहचाना है।