कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दी न्यायपालिका को नसीहत

शुक्रवार, 22 सितम्बर 2017 (23:36 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने न्यायपालिका को विधायिका के काम में हस्तक्षेप न करने की सलाह देते हुए शुक्रवार को कहा कि शासन का काम निर्वाचित सरकारों का है।
 
प्रसाद ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से यहां आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान में शासन व्यवस्था का ढांचा स्पष्ट रूप से परिभाषित है। इसमें हर अंग के अधिकार निर्धारित हैं और उसके लिए उसकी जवाबदेही भी है। न्यायपालिका को असंवैधानिक और मनमाने कानूनों को निरस्त करने का अधिकार है। 
 
प्रसाद ने कहा, गड़बड़ करने वाले राजनेताओं को अयोग्य ठहराने का अधिकार है, लेकिन शासन करने और कानून बनाने का काम उन लोगों पर छोड़ दिया जाना चाहिए जिन्हें जनता ने इसके लिए चुना है। यह काम निर्वाचित सरकारों का है।
 
उन्होंने कहा कि वह लोकतंत्र को मजबूत बनाने वाली न्यायपालिका का पूरा सम्मान करते हैं, लेकिन उन्हें यह बात इसलिए कहनी पड़ रही है क्योंकि हाल के दिनों में कुछ अदालतों में शासन का काम अपने हाथ में लेने की प्रवृत्ति देखी गई है, जिस पर विचार करने की जरूरत है।
 
प्रसाद ने कहा कि शासन के साथ जवाबदेही भी होती है। आप शासन करें लेकिन आपकी जवाबदेही न हो, यह नहीं चल सकता। संसद, विधानसभाएं और मीडिया सरकार को जवाबदेह बनाते हैं। 
 
प्रसाद ने जवाबदेही, पारदर्शिता और जनभागीदारी को सुशासन का आधार बताते हुए कहा कि मोदी सरकार ने डिजिटल व्यवस्था से शासन में पारदर्शिता सुनिश्चित की है। इस सिलसिले में उन्होंने जनधन खाते और उन्हें आधार से जोड़ने, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण और डिजिटल लेनदेन जैसी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इनसे 2.75 करोड़ फर्जी गैस और तीन करोड़ फर्जी राशन कार्ड का पता लगाया गया तथा 58 हजार करोड़ रुपए बचाए गए, जो बिचौलियों के पास जाते थे। 
 
प्रसाद ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया चलता है लेकिन अंतिम व्यक्ति तक मात्र 15 पैसे पहुंचते हैं, लेकिन मोदी सरकार की डिजिटल व्यवस्था में अब दिल्ली से यदि एक हजार रुपए जारी होते हैं तो अंतिम व्यक्ति तक पूरा पैसा पहुंचता है। 
 
उन्होंने कहा कि आज रोजाना चार करोड़ डिजिटल लेनदेन हो रहा है और पांच से छह वर्षों में देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था एक हजार अरब डॉलर की हो जाएगी। पिछले कुछ वर्षों में 95 मोबाइल निर्माता कंपनियां भारत आई हैं और यह मोबाइल हब बन रहा है। 
        
आधार के फायदे गिनाते हुए उन्होंने कहा कि अब मोटर वाहन लाइसेंस को भी आधार से जोड़ने का प्रस्ताव है। प्रसाद ने आधार को सुरक्षित बताते हुए कहा कि इसके डाटा चुराने पर सात साल के कैद की सजा है। (वार्ता)

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