मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट चारु गुप्ता ने अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के वकील की दलीलें सुनने के बाद भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत आरोप तय किए। टेरी के पूर्व प्रमुख पर उन्हीं की पूर्व सहयोगी ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं लेकिन पचौरी ने इन आरोपों से इंकार किया है। मुकदमे की सुनवाई 4 जनवरी 2019 को होगी।
सहकर्मी महिला ने पचौरी के खिलाफ 13 फरवरी 2015 में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में पचौरी को अग्रिम जमानत दे दी गई थी। पुलिस ने अपनी जांच पूरी करने के बाद 1 मार्च 2016 को पचौरी के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया जिसमें कहा गया था कि पचौरी के खिलाफ शिकायतकर्ता महिला का यौन उत्पीड़न, पीछा करने और धमकी देने के पर्याप्त सबूत हैं।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में मार्च 2017 में एक पूरक आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया जिसमें पुलिस ने आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच डिलीट की जा चुकी ई-मेल और चैट को पुन: हासिल कर आरोप पत्र में शामिल किया। पुलिस ने अपने आरोप पत्र में कहा कि मोबाइल, कम्प्यूटर की हार्डडिस्क और अन्य उपकरणों से डिलीट की गई वॉट्सएप पर हुई बातचीत और संदेशों के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है।