श्रीनगर। सुंजवां में हुए दूसरे हमले के बाद से अब रोहिंग्याओं को लेकर भाजपा-पीडीपी आमने-सामने हैं। पीडीपी इस मसले पर भाजपा को चेताने लगी है और नेकां पीडीपी का समर्थन कर रही है, जबकि भाजपा रोहिंग्याओं को जम्मू से बाहर निकालने को कमर कसने लगी है।
सुंजवां में आतंकी हमले के तार रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों से जुड़ने के बाद शहर में बसे विदेशी नागरिकों को निकालने की सियासत जोर पकड़ने लगी है। राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए पैंथर्स पार्टी ने प्रदर्शन भी किया है। वहीं इस मुद्दे पर घिर रही भाजपा भी अवैध रूप से बसे विदेशियों को सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए उन्हें निकालने की मांग कर रही है।
जम्मू के प्रदर्शनी मैदान के निकट पैंथर्स पार्टी ने प्रदर्शन कर जम्मू में रोहिंग्याओं व बांग्लादेशियों के बसने के लिए भाजपा-पीडीपी व कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। प्रदर्शन का नेतृत्व पार्टी के चेयरमैन हर्षदेव सिंह ने किया। राज्य सरकार का पुतला जलाने वाले कार्यकताओं का कहना था कि सुरक्षा के लिए खतरा बने रोहिंग्याओं को निकालने के लिए भाजपा-पीडीपी कुछ नहीं कर रही है, जिससे जनाक्रोश बढ़ता जा रहा है।
हर्षदेव ने कहा कि मंदिरों के शहरों में विदेशी तत्वों के कारण हालात बदतर होते जा रहे हैं, लेकिन भाजपा खामोश है। नरवाल में बर्मा बाजार बन गया है, लेकिन सरकार सब कुछ देखते हुए भी कोई कदम नहीं उठा रही है। भाजपा व कांग्रेस सरकारों को घेरते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर केंद्रित नेकां व पीडीपी खुलकर रोहिंग्याओं के समर्थन में आ गई है। ऐसे में भाजपा-कांग्रेस इस पर बहस कर रही है कि उन्हें किसने बसाया।
उन्होंने भाजपा से पूछा कि इस मुद्दे पर कैबिनेट सब कमेटी बनने के बाद आगे कार्रवाई क्यों नहीं हुई। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के आश्वासन के बाद भी स्थिति क्यों नहीं बदली। इतना जरूर था कि रोहिंग्याओं के मसले पर भाजपा की किरकिरी भी होने लगी थी और उसने अब इस मसले को अंजाम तक पहुंचाने के लिए कमर कस ली है।