सरकार का कहना है कि इनमें कुछ शरणार्थियों के तार आतंकवादी संगठनों से जुड़े हैं। हलफनामा गृह मंत्रालय के विदेशी विभाग के उपसचिव के जरिए पेश किया गया था, हालांकि बाद में उसकी विषयवस्तु में संशोधन का हवाला देते हुए सरकार ने इसे वापस ले लिया था।
कुछ समय पहले केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने भी रोहिंग्या शरणार्थियों के अवैध तरीके से भारत में घुसने पर चिंता जाहिर करते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने इस मुद्दे पर भारत की भूमिका पर सवाल उठाए तो भारत ने उसकी तीखी आलोचना की। अब तक लगभग 40,000 रोहिंग्या देश में आ चुके हैं जिनमें से 16,000 को शरणार्थी का दस्तावेज दिया गया है। (वार्ता)