संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि उनका संगठन भाजपा की राजनीति या उसकी सरकार की नीतियों को निर्देशित नहीं करता है। यह धारणा बिलकुल गलत है कि संघ मुख्यालय नागपुर से कॉल किया जाता है और (उसके तथा सरकारी पदाधिकारियों के बीच) बातचीत होती है। यह धारणा इसलिए भी है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसों का नाता संघ से रहा है।
भागवत ने यह भी कहा कि आरएसएस कभी अपने स्वयं सेवकों को किसी राजनीतिक दल के लिए काम करने को नहीं कहता है। उन्होंने कहा कि संघ सलाह नहीं देता है, बल्कि मांगे जाने पर सुझाव पेश करता है। हालांकि उन्होंने भाजपा या उसके किसी भी नेता का नाम नहीं लिया।
आरएसएस प्रमुख ने राजनीति पर संघ के रुख के बारे में विस्तार से चर्चा की और दावा किया कि संघ अपने स्वयं सेवकों को किसी विशेष राजनीतिक दल का समर्थन करने के लिए नहीं कहता है, बल्कि उन्हें सलाह देता है कि वे देश के हित में काम करने वालों का समर्थन करें।
उन्होंने कहा कि हम देश के हितों के बारे में बात करते हैं और यदि हमारे पास ताकत है तो हम जो सही मानते हैं, उस पर जोर देते हैं। यहां छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है, हम इसे खुले तौर पर करते हैं।