G-20 के लिए सज रहे जम्मू-कश्मीर में अफवाहें डरा रही हैं सबको

सुरेश एस डुग्गर

बुधवार, 17 मई 2023 (21:42 IST)
जम्मू। 4 दिन के बाद जिस G-20 की बैठकों के लिए जम्मू-कश्मीर सज रहा है उसमें तस्वीर का दूसरा पहलू यह है कि अफवाहों के बाजार आम नागरिकों को त्रस्त किए हैं। इसमें उन कुछ अति उत्साही अधिकारियों की भी खास भूमिका है जो आतंकी हमलों की संभावनाओं को बार-बार व्यक्त कर रहे हैं।
 
नतीजा सामने है। कश्मीर में सरकारी नौकरी कर रहे कई कश्मीरी पंडित कर्मचारी छुट्टियां लेकर जम्मू समेत अन्य इलाकों की ओर कूच कर चुके हैं तो वे 500 के करीब जम्मू संभाग के रहने वाले सचिवालय के कर्मचारी जो साइलेंट ‘दरबार मूव’ का हिस्सा हैं। श्रीनगर में डर डर कर जीने को मजबूर हैं जबकि कश्मीर के कई इलाकों से स्थानीय नागरिक भी कथित तौर पर पलायन करने को मजबूर हुए हैं। 
 
यूं तो दावे किए जा रहे हैं कि जी-20 की बैठकों के लिए सुरक्षा प्रबंध ऐसे हैं कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता है पर अतीत की घटनाएं यह साबित करती रही हैं कि आतंकी जब चाहें और जहां चाहें अपनी ताकत का प्रदर्शन करने में हमेशा कामयाब रहे हैं।
 
जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे से लेकर श्रीनगर-गुलमर्ग तक के मार्ग पर सुरक्षा प्रबंध चाक चौबंद करने की खातिर अब सेना और बीएसएफ भी मैदान में उतर चुकी है। केरिपुब स्थानीय पुलिस की सहायता कर रही है पर बावजूद इसके स्थानीय नागरिकों में अजीब-सा खौफ है। इस खौफ को बनाए रखने में कई यू टयूब समाचार चैनल और समाचारों वाले व्हासट्सएप ग्रुप अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
 
 अगर एक ऐसे ही एक यू-ट्यूब खबरिया चैनल पर विश्वास करें तो आतंकी 26/11 की तरह का हमला करवा कर कहर बरपा सकता हैं। जबकि दूसरे खबरिया यूट्यूब चैनल की मानें तो उसके सूत्र बता रहे हैं कि आतंकी बंधक प्रकरण खड़े कर परिदृश्य में आ सकते हैं। उसके मुताबिक आतंकी किसी यात्री बस को हाईजैक करके या फिर किसी स्कूल में घुसकर ऐसे बंधक प्रकरण खड़ा कर सकते हैं।
 
हालांकि सुरक्षाधिकारी जी-20 की बैठकों पर आतंकी खतरे को स्वीकार करते हैं पर कहते थे कि आतंकियों के पास अब इतनी ताकत नहीं बची है कि वे ऐसे हमलों को अंजाम दे सकें। कश्मीर रेंज के एडीजीपी विजय कुमार के बकौल, आतंकी गिने चुने ही बचे हैं जो अपनी मांद से निकलने में भी अब घबरा रहे हैं।
 
यह बात अलग है कि कई अधिकारी इतना दावा जरूर करते थे कि पाकिस्तान के हालत को देखते हुए सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि अक्सर देखा गया है कि पाकिस्तान अपने जहां बने हालात से अपनी जनता का ध्यान बंटाने के लिए अक्सर कश्मीर में अपने पिट्ठू आतंकियों के जरीए कुछ बड़ा कांड करवाता रहा है।
 
क्षीरभवानी मेले में उत्साह कम : कश्मीर वादी के गंदरबल जिले के तुलमुला इलाके में स्थित मां राघेन्या के पावन जन्म दिवस के अवसर पर 28 मई को होने वाले दो दिवसीय क्षीरभवानी मेले में शामिल होने के लिए कश्मीरी पंडितों में इस बार उत्साह थोड़ा कम दिख रहा है। कारण स्पष्ट है।

कश्मीर में होने जा रही जी-20 की बैठक के कारण जो खतरा और उसके आफ्टर इफैक्टस होने की बात की जा रही है उससे कश्मीर में जो माहौल गर्माया है उसका नतीजा यह है कि कश्मीरी पंडित सुरक्षा की मांग करने लगे हैं।
 
हालांकि क्षीर भवानी यात्रा नजदीक आने के साथ ही कश्मीरी पंडितों ने अपनी तैयारियां भी तेज कर दी हैं और तैयारियों को लेकर योजना बनाने के साथ ही रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं जबकि 26 मई को कश्मीरी पंडित अपने परिवारों के साथ रवाना हो जाएंगे।

कश्मीरी पंडित इस बार की यात्रा में सरकार से सुरक्षा के कड़े प्रबंध करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि जी-20 की बैठकों के कारण कश्मीर में हालात ठीक नहीं है। 
 
पंडितों का कहना है कि कश्मीर में अलगाववादियों की बढ़ती धमकियों के चलते उनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बावजूद इसके जम्मू के विभिन्न इलाकों में रहने वाले कश्मीरी पंडित परिवारों ने पूरी आस्था के साथ ज्येष्ठाष्टमी के पावन पर्व पर तुलमुला क्षीरभवानी में आयोजित किए जाने वाले मेले में शमूलियत का पूरा मन बना रखा है। 
 
प्रत्येक वर्ष क्षीर भवानी यात्रा के लिए हजारों की संख्या में कश्मीरी पंडित कश्मीर रवाना होते हैं। इस यात्रा के लिए प्रशासन की तरफ से कश्मीरी पंडितों की हरसंभव सहायता की जाती है। इस यात्रा के लिए कश्मीरी पंडित कई दिन पहले ही तैयारी शुरू कर देते हैं। अशोक कौल, प्यारे लाल टाक, अंकुश टाक और अन्य कई कश्मीरी पंडितों ने बताया कि क्षीर भवानी की यात्रा कश्मीरी पंडितों के लिए बहुत ज्यादा मान्यता रखती है।
 
 जगटी टेनमेंट कमेटी ने रिलीफ कमीश्नर से मांग की है कि 26 मई को कश्मीर के लिए रवाना होने वाली यात्रा के लिए कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए जाएं। कमेटी नेताओं का मानना है कि यात्रा पिछले वर्ष से भी अधिक होगी और 1 लाख के करीब श्रद्धालुओं के माता के दर्शन करने की संभावना है। उन्होंने रिलीफ कमीश्नर से अपील की है कि मां क्षीरभवानी की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए कश्मीर जाने वाली बसों के लिए सुरक्षा बंदोबस्त कड़े किए जाएं। कमेटी नेताओं ने मांग की कि तुलमुला स्थित मां के दरबार में हाजिरी देने वाले श्रद्धालुओं के रहने के लिए किए जाने वाले बंदोबस्त भी पुख्ता हों।
 
इस यात्रा में कश्मीरी पंडित परिवार के साथ रवाना होते हैं और दूध और फूल का प्रसाद चढ़ाकर मन की मुराद को पूरा करते हैं। पूजा का आधा सामान अपने साथ लेकर जाते हैं तो कुछ क्षीर भवानी के दरबार में ही खरीदा जाता है। उन्होंने बताया कि इस बार यात्रा के लिए कश्मीरी पंडित 26 मई को जम्मू और अन्य स्थानों से रवाना होंगे। 28 मई को क्षीर भवानी के दरबार में पूजन करना है।

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