एनआईए सूत्रों ने शुक्रवार को यहां बताया कि वह 2008 में मालेगांव में हुए विस्फोट मामले की जांच कर रही है। उसने दूसरी अंतिम पूरक रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एनआईए की विशेष अदालत से कुछ और दिनों की मोहलत मांगी है। हालांकि जांच एजेंसी इस मामले में चुप्पी साधे हुए है लेकिन माना जा रहा है कि साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित को कुछ राहत मिल सकती है।
आरोप है कि यह वाहन साध्वी प्रज्ञा का था। पहले महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) इस मामले की जांच कर रहा था और बाद में मामला एनआईए को सौंप दिया गया था। एनआईए ने साध्वी प्रज्ञा के साथ ही 4 अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोपों पर जोर नहीं डाला जिन्हें महाराष्ट्र एटीएस ने 2009 में आरोपी बनाया था। (वार्ता)